आज की व्यस्तता से भरपूर भागदौड़भरी ज़िंदगी में दिन की सही शुरुआत करना बहुत ज़रूरी हो जाता है. ऐसे में योग से बढ़कर कोई विकल्प नहीं है. योगासनों से जहां मन की शांति मिलती है, वहीं शरीर भी उत्साह और उमंग से भर जाता है. सुबह-सुबह नियमित रूप से इन 5 योगासनों को करने से आप न केवल तरोताज़ा महसूस करेंगे, बल्कि आपका एनर्जी लेवल भी भरपूर रहेगा. ये योगासन हैं- सूर्य नमस्कार, भुजंगासन, ताड़ासन, त्रिकोणासन, बालासन.

- सीधे खड़े हो जाएं और अपने दोनों पैरों को मिला लें. कमर सीधी रखें. हाथों को अपने सीने के पास लाएं और नमस्कार करें.
- हाथों को सिर के ऊपर से पीछे की तरफ़ ले जाते हुए कमर को पीछे की तरफ़ झुकाएं.
- आगे की ओर झुकते हुए अपने हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं. इस अवस्था में सिर घुटनों से मिला हो.
- एक पैर पीछे की ओर ले जाएं. पैर का घुटना ज़मीन से छूना है. दूसरे पैर को मोड़ें. हथेलियों को ज़मीन पर सीधा रखें और ऊपर सिर रखकर सामने की ओर देखें.
- दोनों हाथों और पैरों को सीधा रखते हुए पुश-अप करने की अवस्था में आ जाएं.
- हथेलियां, छाती, घुटने और पैरों को ज़मीन से सटाएं.
- हथेलियों को ज़मीन पर रखते हुए पेट को ज़मीन से सटाते हुए गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं.
- पैरों को ज़मीन पर सीधा रखते हुए कूल्हे को ऊपर की ओर उठाएं. कंधों को सीधा और मुंह को अंदर की तरफ़ रखें.
- दाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं. ध्यान रहे घुटना ज़मीन से ला हो. दूसरे पैर को मोड़े और हथेलियों से ज़मीन को छुएं. सिर को आसमान की ओर रखें.
- ऊपरी प्रक्रिया द्वारा होते हुए आगे की ओर झुककर हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं और सिर घुटनों से मिलाएं.
- खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठा लें और सीधा रखें. कमर को पीछे की तरफ़ झुकाते हुए हाथों को नमस्कार करने की मुद्रा में ही पीछे की ओर ले जाएं.
लाभ: सूर्य नमस्कार सुबह के समय खुले में उगते सूर्य की ओर मुंह करके करना अधिक लाभदायक होता है. इससे शरीर को ऊर्जा और विटामिन डी मिलता है. मानसिक तनाव दूर होने के साथ वज़न और मोटापा घटाने में भी सूर्य नमस्कार लाभकारी है.

भुजंगासन
- ज़मीन पर पेट के बल लेट जाएं.
- अपनी दोनों हथेलियों को ज़मीन पर कंधे की चौड़ाई से अलग रखते हुए शरीर के निचले भाग को ज़मीन पर रखें.
- सांस लें और शरीर के ऊपरी भाग या छाती को ज़मीन से ऊपर उठाएं.
- फिर सांस छोड़ते हुए शरीर को ज़मीन पर दोबारा ले जाएं.
लाभ: ये आसन शरीर को लचीला बनाने के साथ पेट के फैट्स को कम करने में भी सहायता करता है.

ताड़ासन
- अपने दोनों पैरों की एड़ियों व पंजों के बीच दूरी रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं.
- दोनों हाथों को कमर की सीध में ऊपर उठाते हुए हथेलियों और उंगलियों को मिला लें.
- गर्दन सीधी रखें.
- सामने की तरफ़ देखते हुए पैरों की एड़ियों को ऊपर की ओर उठाएं और पूरे शरीर का भार पंजों पर रखें.
- पेट को अंदर करते हुए इस अवस्था मेंं संतुलन बनाएं रखें.
लाभ: यह आसन घुटनों और टखनों को मज़बूत करने के साथ शारीरिक व मानसिक संतुलन विकसित करता है. रीढ़ की हड्डी में खिंचाव लाकर उसके विकारों को मिटाता है.

त्रिकोणासन
- पैरों के बीच कम से कम दो-तीन फीट की दूरी बनाकर खड़े हो जाएं.
- हाथों को ज़मीन के समानांतर लाएं. हथेली को नीचे की ओर ले जाते हुए सांस लें.
- सांस छोड़ते हुए शरीर को बाईं ओर मोड़ें और बाएं हाथ की उंगली से ज़मीन को और बाएं घुटने को छूएं.
- दाहिना हाथ बिल्कुल सीधा रखें.
- सिर को घुमाते हुए दाहिने हाथ के हथेलियों को देखने की कोशिश करें.
- यही प्रक्रिया दूसरी तरफ़ से भी दोहराएं.
लाभ: इससे एसिडिटी से छुटकारा मिलने के साथ पाचन प्रक्रिया दुरुस्त होती है. चिंता, तनाव, कमर और पीठदर्द दूर होता हैं. गर्दन, पीठ, कमर और पैर के स्नायु मज़बूत होते हैं.

बालासन
- घुटनों को मोड़ते हुए एड़ियों पर बैठ जाएं.
- दोनों घुटनों को अपनी सुविधानुसार एक साथ या थोड़ी दूर पर रखें.
- आगे की ओर इस तरह से झुकें कि माथा ज़मीन को छू सके.
- धीरे-धीरे सांस छोड़ें.
- हाथों को आगे की ओर रखें.
- यदि जांघें सीने से स्पर्श करे, तो अच्छा है.
लाभ: इससे डिप्रेशन, माइग्रेन व चिड़चिड़ाहट जैसी समस्याएं दूर होती हैं. ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है. पीठ और कमर के दर्द को भी दूर करता है.
नोट: ध्यान रहे कि योगासन अपनी क्षमता अनुसार ही करें. शरीर के साथ किसी तरह का दबाव या ज़बरदस्ती ना करें.
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