भारतीय समाज में शादी के बाद तो क्या शादी के पहले भी मास्टरबेशन को सहज नहीं माना जाता. यहां मानसिकता यही है कि मास्टरबेट करना किसी पाप या घिनौने काम से कम नहीं. जबकि विशेषज्ञ कहते हैं कि हस्तमैथुन एक हेल्दी प्रक्रिया है बशर्ते उसकी अति ना हो.
ऐसे बहुत से लोग हैं जो शादी के बाद भी हस्तमैथुन करते हैं लेकिन वो खुलकर किसी को यह बात कहते नहीं हैं, क्योंकि उन्हें खुद भी यही लगता है कि वो कुछ ग़लत कर रहे हैं या अपने पार्टनर के साथ ग़लत कर रहे हैं. ऐसे में आइए जानने की कोशिश करते हैं कि शादी के बाद मास्टरबेट करना कितना सही है और कितना ग़लत.
महिलायें शुरू शुरू में सेक्स में सहज नहीं हो पातीं और ना ही वो ऑर्गैज़्म प्राप्त कर पाती हैं, ऐसे में मास्टरबेशन उन्हें तनाव से छुटकारा दिलाकर रिलैक्स फील कराता है.

मास्टरबेशन से आप अपने शरीर और प्लेज़र पॉइंट्स को बेहतर तरीक़े से समझ पाते हैं जिससे आप सेक्स के दौरान अपने पार्टनर को यह बता सकते हैं कि आपको क्या ज़्यादा एक्साइटिंग लगता है, कौन से पार्ट को छूने से ज़्यादा उत्तेजित महसूस करते हैं.
अगर पार्टनर से दूर हैं तो मास्टरबेशन से खुद को संतुष्ट करना बेहतरीन होता है ताकि आप ग़लत रिश्तों में या अवैध सम्बंधों की गिरफ़्त में ना आ जाएँ.
बहुत से कपल तो सीधे सेक्स ना करके एक दूसरे को मास्टरबेशन से ही संतुष्ट करने में ज़्यादा आनंद महसूस करते हैं.
कुछ देश तो ऐसे हैं जो युवाओं को नियमित रूप से मास्टरबेशन के लिए एजुकेट करते हैं ताकि युवा ग़लत रास्तों पर ना भटकें.
दरअसल मास्टरबेशन से आप अकेले में खुद को प्यार करके संतुष्ट कर सकते हैं जिससे आपके सेक्स की तीव्र इच्छा भी पूरी होती है और एक संतुष्टी का आभास भी होता है. ऐसे में एक्सपर्ट्स मास्टरबेशन को और शादी के बाद भी मास्टरबेशन को ग़लत नहीं बल्कि हेल्दी ही मानते हैं.

एक्सपर्ट्स की माने तो सेक्स और मास्टरबेशन दोनों ही अलग अलग चीज़ें हैं. बेहतर होगा कि पति-पत्नी इस विषय पर आपस में खुलकर बात करें, रोमांस और सेक्स व शरीर की ज़रूरतों के बीच के अंतर को पहचाने और बेहतर सेक्स लाइफ को एंजॉय करें.

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